The Ultimate Guide To अम्बे आरती
The Ultimate Guide To अम्बे आरती
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उत्तर भारत में, श्रावण के पवित्र महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। उत्तर भारत में हिन्दी क्षेत्र को छोड़कर, शेष भारत में श्रावण 'सावन शिवरात्रि' के एक या दो दिन बाद शुरू होता है।
हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार, हनुमान जी को वानर के मुख वाले अत्यंत बलिष्ठ पुरुष के रूप में दिखाया जाता है। इनका शरीर अत्यंत मांसल एवं बलशाली है। उनके कंधे पर जनेऊ लटका रहता है। हनुमान जी को मात्र एक लंगोट पहने अनावृत शरीर के साथ दिखाया जाता है। वह मस्तक पर स्वर्ण मुकुट एवं शरीर पर स्वर्ण आभुषण पहने दिखाए जाते है। उनकी वानर के समान लंबी पूँछ है। उनका मुख्य अस्त्र गदा माना जाता है। उनके मुख पर जो तेज है वह अतुलनीय है । उनका शरीर पर्वत के समान विशाल और कठोर है उनके मुख पर सदेव राम नाम की धुन रहती है।
मनोकामना सिद्घ करि, परुवहु मेरी आस॥ ।। सोरठा ।।
हिंदी अर्थ : “जहाँ महावीर हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, वहाँ भूत, पिशाच पास भी नहीं फटक सकते।”
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ओम जय शिव ओंकारा॥ अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी। त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
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जब हनुमान ने अपना परिचय दिया तो वो जान गया कि ये मेरे पिता हैं मगर फिर लक्ष्मी आरती भि उसने हनुमान के साथ युद्ध करने का निश्चय किया क्योंकि पातालपुरि के द्वार की रक्षा करना उसका प्रथम कर्तव्य था। हनुमान ने बड़ी आसानी से उसे अपने आधीन कर लिया और पातलपुरी के मुख्यद्वार पर बाँध दिया।
डायवर्सन पर चढ़ा बारिश का पानी, आवागमन ठप
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ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥
हिंदी अर्थ : “हे श्री राम के दुलारे ! आप सज्जनों की रक्षा करते है और दुष्टों का नाश करते है।”
"किसने लिखी थी हनुमान चालीसा, जिसके बारे में कही जाती हैं कई बातें".
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